चाँद का सपना | एक सच्ची कहानी | हिंदी कहानी

चाँद का सपना

चाँद का सपना

नीलम एक छोटे से पहाड़ी गाँव की लड़की थी। उसका सपना था कि वह एक दिन चाँद को करीब से देखे। हर रात वह अपने घर की छत पर बैठकर आसमान में चमकते चाँद को निहारती और उसकी सुंदरता में खो जाती। जब भी वह चाँद को देखती, उसे लगता कि चाँद उससे बातें कर रहा है और उसे बुला रहा है। लेकिन उसकी माँ हमेशा कहती, "बेटी, चाँद तक पहुँचना सपनों में ही अच्छा लगता है, असल ज़िंदगी में यह मुमकिन नहीं।"

नीलम की उम्र तो छोटी थी, लेकिन उसका सपना बहुत बड़ा था। एक दिन स्कूल में विज्ञान के शिक्षक ने अंतरिक्ष और चाँद के बारे में पढ़ाया। नीलम ने पहली बार सुना कि लोग सचमुच चाँद पर जा सकते हैं। यह सुनते ही उसकी आँखों में चमक आ गई। वह जान गई कि उसका सपना असंभव नहीं है।

घर आकर नीलम ने अपनी माँ से कहा, "माँ, एक दिन मैं अंतरिक्ष यात्री बनकर चाँद पर जरूर जाऊँगी।" उसकी माँ ने हंसते हुए कहा, "सपने देखना अच्छी बात है, पर हकीकत अलग होती है।" लेकिन नीलम के दिल में उम्मीद की एक नई किरण जल चुकी थी।

नीलम ने अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान लगाना शुरू किया। वह विज्ञान और गणित में सबसे आगे रहती और किताबों में डूबी रहती। गाँव के लोग उसे देखकर कहते, "नीलम का तो चाँद पर जाने का सपना है!" और हंसते। लेकिन नीलम की मेहनत रंग लाई। उसने स्कूल में हमेशा अच्छे अंक हासिल किए और बाद में विज्ञान की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल गया।

वहाँ उसने कठिन मेहनत की और अंतरिक्ष विज्ञान में महारत हासिल की। उसकी मेहनत और लगन देखकर उसे एक अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चुना गया, जिसमें चाँद पर जाने की संभावना थी। यह सुनकर नीलम की आँखों में आँसू आ गए। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका सपना अब सच होने वाला है।

फिर वह दिन भी आया जब नीलम को चाँद पर भेजा गया। जैसे ही उसने चाँद की धरती पर कदम रखा, उसने आकाश की ओर देखा और कहा, "माँ, मैंने अपना सपना पूरा कर लिया।"

नीलम का सपना सिर्फ उसका नहीं था, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा बन गया, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं। उसकी कहानी ने यह साबित कर दिया कि अगर आपके पास साहस और मेहनत करने की इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।

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